देश की संस्कृति और शिल्प कला का केन्द्र बना अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का मंच

देश की संस्कृति और शिल्प कला का केन्द्र बना अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का मंच

देश की संस्कृति और शिल्प कला का केन्द्र बना अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का मंच

देश की संस्कृति और शिल्प कला का केन्द्र बना अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का मंच

कुरुक्षेत्र 5 दिसंबर: अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का मंच देश की संस्कृति और शिल्पकला का मुख्य केन्द्र बन चुका है। इस महोत्सव के मंच पर 19 राज्यों की शिल्पकला और 15 राज्यों की लोक संस्कृति को सहजता से देखा जा सकता है। इस अनोखी संगम से ब्रहमसरोवर की फिजा भी महक उठी है। यह महक देश के कोने-कोने तक पहुंच चुकी है और इस महक से रोजाना हजारों लोग ब्रहमसरोवर के तट पर खिंचे चले आते है। अहम पहलू यह है कि अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में पहली बार हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की तरफ से पर्यटकों को आधुनिक मुर्ति शिल्पकला देखने को मिलेगी। इसके साथ ही पहली बार 48 कोस के 75 तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा।
    अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव-2021 के शिल्प और सरस मेले का चौथा दिन है और रोजाना पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस बार ब्रहमसरोवर के उत्तर और दक्षिण घाटों पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र की तरफ से बेहतरीन कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जा रही है। इन प्रस्तुतियों में किसी घाट पर पंजाबी संस्कृति, कहीं पर हरियाणवी और कहीं पर हिमाचल तो कहीं पर राजस्थान की लोक संस्कृति को देखने का अवसर मिल रहा है। इस लोक संस्कृति का आनंद लेने के साथ-साथ लोग ब्रहमसरोवर के चारों तरफ एनजेडसीसी और डीआरडीए की तरफ से लगे सरस और शिल्प मेले में अनोखी शिल्पकला को भी खूब निहार रहे है। इस वर्ष कोविड नियमों की पालना करते हुए करीब 350 स्टॉल लगाए गए है। इसमें राष्टï्रीय, राज्य अवार्डी शिल्पकार भी शामिल है।
    उपायुक्त मुकुल कुमार का कहना है कि अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में पहली बार 48 कोस के 75 तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इसके साथ ही इस महोत्सव का शिल्प मेला जहां 19 दिसंबर तक चलेगा, वहीं इस महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 9 दिसंबर से 14 दिसंबर तक चलेंगे। इन मुख्य कार्यक्रमों में अंतर्राष्टï्रीय गीता सेमिनार, जिसका थीम विश्व गुरु भारत के परिपेक्ष्य में पवित्र ग्रंथ गीता का योगदान, दीपोत्सव, वैश्विक गीता पाठ, संत सम्मेलन, 48 तीर्थों के प्रतिनिधियों का सम्मेलन, विश्व गुरु भारत प्रदर्शनी, विभिन्न संस्थाओं की प्रदर्शनियां मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेंगी। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव-2021 के मुख्य कार्यक्रम ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में होंगे। यह कार्यक्रम 9 से 14 दिसंबर तक जारी रहेंगे। इस मुख्य मंच पर सुबह और सायं के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुती होगी। इस महोत्सव में सांध्यकालीन कार्यक्रम करीब 6 बजे शुरु होंगे। इन सांध्यकालीन कार्यक्रमों की सूचि को लगभग फाईनल कर लिया गया है और प्राथमिक शेडयूल भी तैयार कर लिया गया है।
    उन्होंने कहा कि 9 दिसंबर को अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में पुरुषोतमपुरा बाग मुख्य मंच पर प्रथम स्लॉट में रुपेश ऋषि की देशभक्ति कार्यक्रम, दूसरे स्लॉट में मालिनी अवस्थी का कृष्ण-राधा भक्ति गीत होगा, 10 दिसंबर को प्रथम स्लॉट में यश चौहान का गीता पर आधारित छाऊ नृत्य, दूसरे स्लॉट में बाबा मोर्य का देशभक्ति प्रस्तुती, 11 दिसंबर को प्रथम स्लॉट में ओमप्रकाश श्रीवास्तव की भजन संध्या, दूसरे स्लॉट में कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। इस कवि सम्मेलन में प्रसिद्घ कवि हरिओम पंवार, दिनेश रघुवंशी, मनवीर मधुर, अनिल आर्य पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए है।